目次
एक धाविका नदी के किनारे दौड़ रही है, पीछे शहर की रूपरेखा उभर रही है। हर कदम स्वतंत्रता की ताल बन जाता है, जिसमें शक्ति और गरिमा का संगम है। क्षितिज पर उभरती परछाई धैर्य और सुंदरता को दर्शाती है, जो महिलाओं को शरीर और आत्मा दोनों को अपनाने के लिए प्रेरित करती है। यह क्षण केवल दौड़ का नहीं, बल्कि सपनों का पीछा करने, संतुलन खोजने और उस आंतरिक शक्ति का उत्सव है जो हर कदम में चमकती है।
コメント