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चमचमाते काँच के टावरों के बीच, एक स्त्री स्वयं को अनगिनत प्रतिबिंबों में देखती है — सपनों और शक्ति के टुकड़ों में। शहर उसके भीतरी संसार का दर्पण है: साहसी, कोमल, और निरंतर बदलता हुआ। हर प्रतिबिंब रूपांतरण, सुंदरता और संतुलन की कहानी कहता है। जापान में, जहाँ परंपरा और आधुनिकता मिलती है, वह सीखती है कि शांति में भी चमक होती है।
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