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गोधूलि का प्रकाश जल की सतह पर प्रतिबिंबित हो रहा है, एक कोमल चमक बिखेर रहा है। चट्टानों पर बैठी एक महिला इस दृश्य के सामने गहन चिंतन में लीन दिखती है। उसकी आकृति प्रकृति की सुंदरता से सीखने और आत्मनिरीक्षण को गहरा करने की एक बौद्धिक यात्रा का प्रतीक है। यह शोरगुल से दूर रहकर स्वयं का सामना करने का एक अनमोल क्षण है।
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